हिमवंत चंद्र कुंवर बर्थवाल की 76वीं पुण्यतिथि पर चंद्र कुंवर बर्थवाल शोध संस्थान द्वारा माल रोड स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए दौरान 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर चंद्र कुंवर बर्थवाल शोध संस्थान के सचिव शूरवीर सिंह भंडारी ने कहा कि चंद्र कुंवर बर्थवाल ने अपने जीवन काल में हिंदी की 700 कविताएं लिखी हैं और उनकी सारी कविताएं पहाड़ पर लिखी गई है उन्हें पहाड़ का कालिदास भी कहा जाता है उन्होंने हिमालय के सौंदर्य और उसके विराट रूप पर अनेकों कविताएं लिखी 28 वर्ष की अल्प आयु में उनका निधन हो गया। नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि चंद्र कुमार बर्थवाल की कविताएं आज पूरे देश में पाठ्यक्रम में शामिल कर दी गई है और हिंदी भाषा में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने कहा कि चंद्र कुंवर बर्थवाल ऐसे कवि थे जिन्हें प्रकृति से बहुत अधिक प्रेम था।
इस मौके पर इतिहासकार व वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश उत्तराखंडी, उपेंद्र लेखवार, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, पूर्व सभासद देवी गोदियाल, नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अमित गुप्ता, पूर्व डीआईजी एस पी चमोली, प्रकाश राणा, तनमित खालसा आदि मौजूद रहे ।