: विगत पच्चीस सालों में उत्तराखंड राज्य के सपनों व आंदोलनकारियों के साथ विश्वास घात हुआ है – जयप्रकाश उत्तराखंडी
: शहीद राज्य आंदोलनकरियों के बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता – नगर पालिका अध्यक्ष
मसूरी – उत्तराखण्ड राज्य स्थापना, रजतोत्सव के अवसर पर पर्वतीय मैदानी एकता मंच प्रदेशभर में राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करने और पहाड़ी मैदानी एकता का संकल्प लेने का समारोह आयोजित कर रहा है। इसी शृंखला में मसूरी स्थित शहीद स्थल पर एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें मसूरी के आंदोलनकारी शहीदों को नमन करते हुए उनकी शहीद स्थली पर पुष्पांजलि अर्पित कर सशक्त और सामाजिक एकता की मिसाल बने उत्तराखंड को पर्वतीय मैदानी भाईचारे के साथ मिलकर सर्वोत्तम उत्तराखंड बनाने का संकल्प दोहराया गया।

माल रोड स्थित शहीद स्थल पर जुटे आंदोलनकारियों ने एक सुर में कहा कि प्रदेश का निर्माण हमारे शहीदों ने अपनी जान देकर किया था और उनके सपनों का उत्तराखंड बनाना आज भी हमारी जिम्मेदारी है। क्योंकि उनके सपने आज भी अधूरे है जिसको सभी लोग मिलकर पूरा करेंगे। सम्मान समारोह में पर्वतीय मैदानी एकता मंच की महासचिव और ट्री वीमेन के नाम से मशहूर लक्ष्मी अग्रवाल ने दूर दूर से आये आंदोलनकारियों से आह्वान किया कि वो उत्तराखंड के शिल्पकार हैं इसलिए उनके अनुभव , विचार और सुझाव प्रदेश हित में हमेशा बहुमूल्य रहे है। उन्होंने कहा कि आज जो लोग प्रदेश को पर्वतीय और मैदानी के बीच बाँट कर प्रदेश की एकता और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की नाकाम कोशिशे कर रहे हैं उससे सावधान रहने और बचने की जरुरत है।

लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान बहुत बार ऐसे मौके आए, जब देश ने देखा था कि जन आंदोलन और जन एकता से बढ़कर कोई ताकत नहीं होती है और वही इतिहास बनाते हैं। मसूरी में आयोजित समारोह में मंच की तरफ से लक्ष्मी अग्रवाल ने लोगों से अपील की कि आइये एक बार फिर हम एक होकर पहाड़ी मैदानी एकता की शक्ति से इस खूबसूरत देवभूमि को सर्वोत्तम राज्य बनाने में अपना योगदान दें।

मंच की उपाध्यक्ष अनीता तिवारी ने कहा कि हमारी मातृशक्ति का इस राज्य निर्माण में योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है…जिसका जिक्र खुद महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी ने विधानसभा के विशेष भाषण में किया है…आज हर उत्तराखंडी को गर्व है कि हम देश में विकास के कई प्लेटफॉर्म्स पर अन्य राज्यों से काफी तरक्की कर चुके हैं। लेकिन कई क्षेत्र आज भी विकास और तरक्की के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमारे जन प्रतिनिधियों को गंभीरता से अपनी जिम्मेदारियां निभानी होंगी तभी सर्वोत्तम राज्य का स्वप्न और लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। पर्वतीय मैदानी एकता मंच का ये “आंदोलनकारी सम्मान समारोह” प्रदेश के कई जिलों में आयोजित किया जा रहा है। इसमें जिले की इकाइयां स्थानीय राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित कर रही है और पर्वतीय मैदानी एकता का संकल्प और बुद्धिजीवियों के साथ परिचर्चा आयोजित किया जा रहा है।

इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी, राज्य आंदोलनकारी मंच के संरक्षक जयप्रकाश उत्तराखंडी, अध्यक्ष देवी गोदयाल, महासचिव पूरण जुयाल, सतीश ढौंडियाल, रजत अग्रवाल, नरेंद्र पडियार, वरिष्ठ पत्रकार शूरवीर भंडारी, विजेंदर पुंडीर, कुशाल राणा, भानु काला, रमेश नौडियाल, भगवान सिंह रावत, केदार चौहान, भरोसी रावत, पुष्पा पडियार, लक्ष्मी उनियाल, लीला कंडारी, सुषमा, सुरेश कोठारी, खुर्शीद अहमद, प्रेम अग्रवाल, बीना मल्ल, उज्जवल नेगी, सुरेंद्र डंगवाल सहित भारी संख्या में राज्य आंदोलनकारी व स्थानीय निवासी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन राज्य आंदोलनकारी अनिल गोदयाल ने किया।
