ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च को गिराने के विरोध में ईसाई समुदाय ने जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया।

मसूरी – नगर पालिका द्वारा धार्मिक संपत्ति क्राइस्ट चर्च को गिराशू भवन की श्रेणी में दर्शाकर गिराए जाने की कार्रवाई को लेकर ईसाई समुदाय के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जिसके विरोध स्वरूप नायब तहसीलदार के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया गया।

मसूरी ऐतिहासिक क्रिश्चियन स्मारक सुरक्षा फोरम के संयोजक प्रेम सिंह ने बताया कि क्राइस्ट चर्च का निर्माण 1830 में ब्रिटिश काल में किया गया था जो की एक ऐतिहासिक धरोहर है वर्तमान में जिसकी बिल्डिंग में कोई दरार तक नहीं है जिसे क्षतिग्रस्त दिखाकर साजिशन गिराशू भवन की श्रेणी में दर्शाना गलत है। उन्होंने जिलाधिकारी से इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कारवाई करने की मांग की है।

नायब तहसीलदार कमल राठौड़ ने बताया कि ईसाई समाज सहित अन्य मसूरी वासियों ने क्राइस्ट चर्च संपत्ति को गिराशू भवन के संदर्भ ज्ञापन दिया है जिस पर जो भी विधिक कारवाई होगी वह की जाएगी।

इस मौके पर व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत कुकरेजा, रोहित प्रसाद, नीरज सिंह, विजय मैसी, सुष्मिता मैसी, जोगिंदर सिंह, राजेश शर्मा आदि मौजूद रहे।


नगर पालिका ने गिराए तीन गिराशू भवन।

नगर पालिका द्वारा शहर के चिन्हित 19 गिराशू भवनों को गिराने की कारवाई करते हुए तीन भवनों को जमीनदोज कर दिया गया जिन में  बाटाघाट, लंढौर और राधा भवन स्टेट के गिराशू भवन शामिल है।

अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि जो भवन स्वामी एमडीडीए की अनुमति लेकर स्वयं ही भवनों की मरम्मत करा लेते हैं उन्हें नहीं गिराया जाएगा। कहा कि अन्य गिराशू भवनों को गिराने की कारवाई जारी रहेगी। जिसका खर्च भवन स्वामियों से वसूला जाएगा।

Vimal Nawani
Vimal Nawani

CHIEF EDITOR