पलायन के दर्द को उकेरता हुआ गीत है “खुद लैगी में”।

मसूरी – उत्तराखंड में बढ़ते पलायन की पीड़ा किस कदर बूढ़े मां बाप के लिए दिनो दिन नाशूर बनती जा रही है इसी भावनात्मक दर्द को गायक अरविंद बरौली व गायिका सीमा चौहान द्वारा गाए गए गीत “खुद लैगी मैं” में उकेरा गया है।

गीत मे अभिनय कर रहे मुख्य कलाकार देवेंद्र उनियाल व प्रमिला नेगी ने अपने अभिनय के माध्यम से गांव से बढ़ते पलायन की त्रासदी झेल रहे बुजुर्ग माता पिता के उस दर्द को बयां किया है जो की उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों की नियती बन गई है।

देवेंद्र उनियाल व प्रमिला नेगी ने बताया कि खुद लैगी मैं गीत मे उन्होंने बुजुर्ग माता पिता का किरदार निभाया है जिससे युवाओं के शहरों में बसने के बढ़ते चलन से बूढ़े मां बाप गांव में किस तरह अकेले जीवन यापन करने को मजबूर हैं। उनियाल ने बताया कि इस गीत को यूट्यूब पर अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है इससे पूर्व वह मायामालती” गीत मे भी अभिनय कर चुके है।

Vimal Nawani
Vimal Nawani

CHIEF EDITOR