: यह बीसीसीआई और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ उत्तराखंड के लिए बड़ी कानूनी जीत है आर्यन देव उनियाल, अधिवक्ता।
नैनीताल – माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय, नैनीताल में धीरेज भंडारी, बुद्धिचंद, संजय एवं अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (CAU) एवं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के विरुद्ध दायर रिट याचिका को अस्वीकार्य (गैर-न्यायालय योग्य) बताते हुए खारिज कर दिया गया है। याचिकाकर्ताओं ने अपने निलंबन को चुनौती देते हुए सीएयू में वित्तीय अनियमितताओं और कुप्रबंधन के आरोप लगाए थे।
बीसीसीआई की ओर से अधिवक्ता आर्यन देव उनियाल ने जोरदार तर्क रखते हुए कहा कि यह रिट याचिका कायम नहीं की जा सकती, क्योंकि याचिकाकर्ताओं के पास सिविल न्यायालय जाने का वैकल्पिक और प्रभावी उपाय उपलब्ध है। आर्यन उनियाल ने यह भी दलील दी कि ओम्बुड्समैन के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
करीब दो घंटे चली सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने बीसीसीआई और सी ए यू की ओर से रखे गए तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा कि रिट याचिका रखरखाव योग्य नहीं है, और उसे खारिज कर दिया।
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वी.बी.एस. नेगी ने पैरवी की।
यह निर्णय बीसीसीआई और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के लिए एक बड़ी कानूनी जीत है, जिसने यह सिद्ध किया कि निजी संस्थाओं से संबंधित विवादों को, जिनके लिए स्वतंत्र उपाय उपलब्ध हों, उच्च न्यायालय के रिट अधिकार क्षेत्र में नहीं लाया जा सकता।
