पर्यटक स्थलों का नही हो पाया समुचित विकास , महज़ औपचारिकता बनकर रह गया है पर्यटन दिवस !

 

मसूरी –                                                                                 अपनी  नैसंर्गिक सौंदर्यता और पर्यटन की अपार संभावनाओं के बावजूद अभी तक अपेक्षित पर्यटन विकास गती नही पकड़ पाया है। बीते बाईस सालो में राज्य में कमोबेश भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रही है, लेकिन जहा एक ओर पर्यटन को राज्य की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है वही अभी तक पर्यटन के सतत विकास के लिए कोई दीर्घकालीन नीति नही बनाई गई है।

आज भी राज्य की अधिकांश पर्यटक स्थल ब्रिटिशकाल समय के ही हैं जो की मामूली सौंदर्यकरण तक सीमित रह गए है, राज्य गठन के बाईस वर्ष बाद भी विश्व विख्यात पर्यटन नगरी मसूरी मे एक भी नया पर्यटक स्थल विकसित नही किया गया है। यह के मुख्य पर्यटक स्थल केंप्टीफॉल, गन हिल, लाल टिब्बा, झाड़ीपानी फॉल, मौसी फॉल आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।वही पर्यटन विभाग द्वारा केवल जॉर्ज एवरेस्ट का सौंदर्यकरण किया गया है भट्टा फॉल, मसूरी झील, कंपनी गार्डन पीपीपी मोड पर संचालित किए जा रहे है।

  गौरतलब है कि विगत 9 माह से मसूरी की ऐतिहासिक मॉल रोड के सुधारीकरण कार्य के नाम पर सड़को की जो दुर्दशा हुई है वह किसी से छुपी नहीं है जिससे पहाड़ो की रानी मसूरी की छवि धूमील हुई है साथी इसका प्रतिकूल प्रभाव यहां के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है। जहा राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र को रोजगार की दिशा मे मील का पत्थर मानती है , लेकिन दीर्घकालीन पर्यटन नीति व पर्यटन योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन किए बिना यह परिकल्पना अधूरी है।

Vimal Nawani
Vimal Nawani

CHIEF EDITOR