~ टीम जनपक्ष
: ऊंचे राजनैतिक रसूख के चलते वन विभाग नही कर पा रहा है ठोस कारवाई।
: इको टाॅस्क फोर्स द्वारा अस्सी के दशक में किया गया था सघन वृक्षारोपण।
: सौंदर्यकरण की आड़ में किया जा रहा वन संपदा का दोहन।
मसूरी – मसूरी झील में सौंदर्यकरण के नाम पर वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है वही वन विभाग को नगर पालिका की पार्किंग के निर्माण की आड़ में हरे भरे वृक्षों के पातन की संबंध में गुमराह कर कार्यदायी संस्था द्वारा हरे भरे पर्यटक स्थल मसूरी झील के पर्यावरण पर संकट के बदल मंडराने लगे है।
गौरतलब है की अस्सी के दशक में समस्त भट्टा वैली व झील के आसपास के क्षेत्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व० इंदिरा गांधी द्वारा इको टास्क फोर्स का गठन कर कई वर्षों तक उक्त क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण कर विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष लगाए गए थे जिसके बाद मसूरी के पर्यावरण को नई संजीवनी मिली थी, लेकिन उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इस क्षेत्र में सक्रिय भू एवं वन माफियाओं ने वृक्षों के अवैध कटान के बाद यहां की हरियाली को नेस्तेनाबूद कर दिया है जिसका मसूरी के पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
मसूरी झील में नगर पालिका द्वारा विगत वर्ष पार्किंग निर्माण एवं सौंदर्यकरण के लिए कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन इसकी आड़ में कार्यदायी संस्था द्वारा कई वृक्षों को दीवारों में चिनवा दिया गया है वही पेड़ो को साजिशन गिरा कर वन संपदा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
इस बारे में जानकारी देते हुए वन क्षेत्राधिकारी शिव प्रसाद गैरोला ने बताया कि पार्किंग निर्माण के लिए विभाग द्वारा कुछ वृक्षों के पतन की अनुमति दी गई थी, लेकिन यदि उसके अतिरिक्त किसकी भी वन संपदा को नुकसान पहुंचाया गया तो वन विभाग दोषियों के खिलाफ कड़ी विभागीय कारवाई करेगा।