: आखिर पालिका अध्यक्ष ने क्यों नहीं ली विवाद सुलझाने में खास रुचि, वैकल्पिक व्यवस्था पर किया जा सकता था विचार।
: दोनों बैरियरों पर शीघ्र की जाएगी पुलिस की तैनाती – ई०ओ०
: बैरियर खुले होने से पालिका को हुआ लगभग डेढ़ लाख के राजस्व का नुकसान, क्या वसूली के लिए किया जाएगा प्रयास ?
मसूरी – बीते दो दिन से नगर पालिका के पिक्चर पैलेस और गांधी चौक बैरियर एक अधिवक्ता और बैरियर पर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के बीच हुए झगड़े के कारण खुले रहे। बैरियर कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर दोनों बैरियर खोल कर गुमटी पर ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन किया।
वही, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को माल रोड पर पर्यटकों के निजी वाहन व सभी तरह के व्यावसायिक वाहन माल रोड पर फराटे से दौड़ते रहे जिसका खामियाजा स्थानीय निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों को भी भुगतना पड़ा, लेकिन इस पूरी घटनाक्रम पर नगर पालिका प्रशासन दो दिन तक मूकदर्शक बना रहा।
पालिका में अधिशासी अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी होता है यदि पहले ही दिन दोनों पक्षों के बीच सुलह के प्रयास किए जाते तो शायद दो दिन तक पूरे शहर को इस विकराल समस्या का सामना नहीं करना पड़ता वहीं, दो दिन बैरियर खुले रहने से पालिका को भारी राजस्व की हानि नहीं होती।आखिर इसका जिम्मेदार कौन इसका जवाब शायद पालिका के हुक्मरानों के पास नहीं है।
अधिशासी अधिकारी तनवीर सिंह मारवाह ने बताया कि दो दिन बैरियर खुले रहने से नगर पालिका को लगभग डेढ़ लाख के राजस्व की हानि हुई है। बताया कि शीघ्र ही दोनों बैरियरों पर पुलिस की तैनाती की जाएगी जिससे कि निकट भविष्य में उक्त घटना की पुनरावृत्ति ना हो।