मसूरी – उत्तराखण्ड वन विभाग, मसूरी वन प्रभाग एवं हंस फाउंडेशन के सहयोग से वनाग्नि काल 2024 में मसूरी वन प्रभाग में वन प्रबंधन एवं वनाग्नि शमन हेतु उत्कृष्ठ कार्य करने वाले वन कर्मियों एवं स्थानीय निवासियों (फॉरेस्ट फायर वाॅलंटियरस) को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) द्वारा सम्मनित किया गया।
वन मुख्यालय मंथन सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में मसूरी वन प्रभाग के 06 रेंजो से 20 वन आरक्षी, 02 वन दरोगा, 01 उप वन क्षेत्राधिकारी, 03 रेंज अधिकारी, 02 उप प्रभागीय वनाधिकारी तथा 10 वनाग्नि प्रबंधन समितियों को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) डॉ० धनन्जय मोहन द्वारा सम्मानित किया गया। इस दौरान हंस फाउंडेशन की ओर से प्रत्येक समिति को दस दस हज़ार के चेक प्रदान किए गए।
प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) डॉ० धन्नजय मोहन ने कहा कि उत्तराखण्ड में वनाग्नि एक चुनौती है जिसे वन विभाग एवं जनता के बीच समन्वय से ही निपटा जा सकता है। अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने कहा कि मसूरी वन प्रभाग के मॉडल को प्रदेश के अन्य वन प्रभागों में प्रयोग किया जाना चाहिए।
प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी अमित कंवर ने बताया कि हंस फाउंडेशन व मसूरी वन प्रभाग के मध्य वनाग्नि प्रबंधन एवं शमन हेतु समझौता हुआ था जिसके तहत वनाग्नि प्रबंधन हेतु संयुक्त रूप से कार्य किया गया। कार्यक्रम में विश्व बैंक की टीम द्वारा फिल्ड स्टाफ एवं स्थानीय समिती के सदस्यों से विचार विमर्श कर आपसी अनुभव साझा किए गए।
इस अवसर पर वन संरक्षक यमुना वृत्त कहकशां नसीम, विश्व बैंक टीम के प्रतिनिधि सिबेस्टियन फोर्च, डॉ० पीटर मोरे, नेहा व्यास, सचिन सहारिया, याशिका मलिक, दीपक मलिक, हंस फाउंडेशन के मनोज जोशी, दिव्य ज्योती, उपप्रभागीय वनाधिकारी मसूरी डॉ० उदय गौड, दिनेश नौडियाल, रेंज अधिकारी राकेश नेगी, लतिका उनियाल, लाखीराम आर्य एवं अन्य विभागीय कर्मचारी मौजूद रहे।