मसूरी – स्केटिंग चैंपियनशिप ऑफ़ इंडिया के शिक्षाविद अंतरराष्ट्रीय स्केटर्स के द्रोणाचार्य अशोक पाल सिंह का 77 वर्ष की उम्र में जकार्ता में आकस्मिक निधन हो गया। यह खबर सुनने से उनके प्रशंसक व शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गई।
अशोक के पारिवारिक मित्र, इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि अशोक ने स्केटिंग के क्षेत्र में भारत नहीं बल्कि पूरे विश्व में अविस्मरणीय योगदान दिया है वह वर्तमान में विगत 30 वर्षों से GMIS जकार्ता, इंडोनेशिया में बतौर प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थे।
उन्होंने बताया कि अशोक ने मसूरी के सुप्रसिद्ध सैंट जॉर्ज कॉलेज, वाइनबर्ग एलेन स्कूल में भी शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी है। उन्हें साल 1968 से 1972 तक मिस्टर दून ऑफ स्केट्स, मिस्टर स्केटर्स ऑफ इंडिया का खिताब भी मिला, वह स्केटिंग के खेल में इतने निपुण थे कि उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी, भारतीय सेना के पूर्व डीजीएमओ अनिल भट्ट भी उनके स्केट्स के छात्र रह चुके हैं। वहीं उन्होंने पूरे विश्व में लगभग एक लाख से अधिक छात्रों को स्केटिंग के गुर सिखाए।
भारद्वाज बताते है कि वह भारतीय स्केट्स टीम के मैनेजर के तौर पर भी कोरिया, न्यूजीलैंड सहित कई यूरोपीयन देशों में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है साथ ही साल 1981 से 1986 में नाइजीरिया सरकार के एजुकेशन ऑफीसर भी रहे व ऑल इंडिया ओपन चैंपियनशिप के आयोजक का दायित्व भी निभाया।
अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक पद्मश्री रस्किन बांड ने भी उनकी खेल से प्रभावित होकर उनके बारे में कई आलेख लिखे हैं। साल 1968- 69 शिमला में आयोजित स्केटिंग चैंपियनशिप में भी उन्हें मिस्टर स्केटर्स ऑफ इंडिया और उनकी बहन बीना सिंह को मिस स्केटर्स ऑफ इंडिया के खिताब से नवाजा गया।