: आखिर कहां तक पहुंच रही है दस रूपए की दस्तक ?
: जिलाधिकारी के आदेशों का किया जा रहा खुला उल्लंघन।
: आबकारी विभाग नियमित रूप से नहीं कर रहा है शराब की दुकानों की चैकिंग।
: खुलेआम शराब व्यवसायियों द्वारा ओवर रेटिंग कर स्थानीय निवासियों के अलावा पर्यटकों से लिए जा रहे हैं एम.आर.पी से अधिक दाम।
: दोनों पक्षों में समझौते के लिए की जा रही है राजनैतिक लाबिंग – सूत्र
मसूरी – राज्य में शराब की दुकानों में ओवर रेटिंग रोकने के लिए आबकारी विभाग द्वारा कई दावे किए गये हों, विभागीय अधिकारियों के दावों की पोल शनिवार को पर्यटन नगरी मसूरी में लंढौर बाजार में घंटाघर के समीप देशी मदिरा की दुकान में दो स्थानीय युवकों से बीयर की बोतल पर ओवर रेटिंग के बाद मचे बवाल से यह साबित हो गया है कि बिना विभागीय अधिकारियों और शराब के ठेकेदारों की जुगलबंदी से यह संभव नहीं है।
गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व आबकारी आयुक्त द्वारा जिले में शराब की ओवर रेटिंग रोकने के लिए एक विभागीय अधिकारियों की टीम बनाई गई थी, जिसे ओवर रेटिंग पर जांच कर रिपोर्ट देनी थी। शायद वह रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली गयी।
मसूरी में विगत रात हुए झगड़े का कारण भले ही मात्र दस रुपए की ओवर रेटिंग का रहा हो, लेकिन आखिर दस की दस्तक कहां तक पहुंच रही है यह बड़ा सवाल है। इस बारे में जिला आबकारी अधिकारी से जानकारी लेनी चाही लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।