मसूरी – ब्रिटिश मूल के भारतीय लेखक, पर्वत प्रेमी बिल ऐटकेन को शहर के प्रबुद्ध नागरिकों ने पिक्चर पैलेस स्थित तिलक मेमोरियल लाइब्रेरी सभागार में आयोजित कार्यक्रम विनम्र श्रद्धांजलि दी गयी। श्रद्धांजली सभा में उनके लेखन , प्रकृति प्रेम सनातन धर्म में अटूट आस्था और उनके जीवन काल से जुड़े कई संस्मरणों को याद किया।
व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बिल ऐटकेन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बिल ऐटकेन जी पिछले 60 वर्षों से मसूरी में निवास करते थे, स्कॉटलैंड के एक ब्रिटिश मूल के भारतीय लेखक और पर्वत प्रेमी थे। वह भारत, इसके पहाड़ों, नदियों और इसकी भाप से चलने वाली ट्रेनों के बारे में कई पुस्तकों के लेखक थे।
उन्होंने बताया कि वह नन्दा देवी जी में अपार आस्था रखते थे। नन्दा देवी पर अध्ययन किया, किताबें लिखीं, स्कॉटिश होने के बावजूद, भारत से बेहत प्यार किया, मसूरी को अपना घर बनाया, हिन्दू धर्म में आस्था रखी, अपने अंतिम संस्कार हिन्दू धर्म के अनुसार करने की इच्छा रखी और वो ही हुआ। पैदल ब्रह्म करने का शौक, कोई लालच नहीं और भारतीय उत्पादों को खरीदने का लगाव उनकी जीवन शैली में था। उनके घर को और उनके कमरे को हेरिटेज के रूप में विकसित करने की बात हुई।
इस मौके पर अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक प्रोफेसर गणेश शैली, इतिहासकार गोपाल भारद्वाज, धन प्रकाश अग्रवाल, डॉ० के .एस बिष्ट, अनीता सक्सेना, जगजीत कुकरेजा, नागेंद्र उनियाल आदि मौजूद रहे।