: गढ़वाली फिल्म “घरजवैं” से मिली घन्ना भाई को काफी लोकप्रियता।
मसूरी – उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध हास्य सम्राट घनानंद गागोडिया (घन्ना भाई) के निधन की खबर सुनते ही स्थानीय लोक कलाकारों एवं संस्कृति प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई।
घन्ना भाई का जन्म पौड़ी गढ़वाल के गगवाडस्यूं पट्टी के गगोड़ गांव में 1953 में हुआ था उनकी प्रारंभिक शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन जिला पौड़ी गढ़वाल में हुई थी। उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत 1970 में रामलीला के मंच से की 1974 में रेडियो, दूरदर्शन में अनेक कार्यक्रम करने के बाद घन्ना भाई ने उत्तराखंड सहित देश-विदेश के कई सांस्कृतिक मंचों के साथ ही गढ़वाली फिल्मों में अपने हास्य अभिनय की अमिट छाप छोड़ी। घन्ना भाई ने साल 2012 में भाजपा के टिकट पर पौड़ी विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर पाए। अंततः उन्होंने मंगलवार दोपहर में देहरादून के महंत इंद्रेश अस्पताल में दुनिया को अलविदा कह दिया।
प्रदेश संयोजक संस्कृति प्रकोष्ठ भाजपा राजेंद्र रावत ने बताया की घन्ना भाई का मसूरी से विशेष लगाव रहा है, वह यहां शरदोत्सव व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमो, गढ़वाली फिल्मों की शूटिंग के लिए कई बार मसूरी आए। कहा कि उनका अभिनय अद्भुत था जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सामाजिक कार्यकर्ता शम्श अली ने घन्ना भाई को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी अदाकारी एक हीरे जैसी थी जो कि हमेशा लोगों को याद रहेगी।
घन्ना भाई के निधन पर शहर के सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनैतिक संगठनों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की है।